सार IOCL कंपनी ने अपनी भविष्य में बनने वाली सभी रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल विस्तार परियोजनाओं में कैप्टिव पावर प्लांट नहीं बनने का निर्णय लिया है। इसके बजाए कंपनी सौर ऊर्जा जैसे नवीनीकरणीय स्त्रोतों का उपयोग कर 250 मेगावॉट बिजली बनाएगी। भविष्य में स्वच्छ ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिए भारत की सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आई ओ सी) अपने मथुरा स्थित रिफाइनरी में देश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट स्थापित करने जा रही है। कंपनी के अध्यक्ष श्रीकांत माधव वैद्य ने एक साक्षात्कार में कहा की कंपनी ने एक रणनीतिक वृद्धि योजना तैयार की है जिसका लक्ष्य अगले 10 वर्षों में पेट्रोकेमिकल, हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिकल मोबिलिटी में पैठ बनाना तथा साथ ही साथ अपने मुख्य रिफाइनिंग और ईंधन संबंधित व्यवसायों पर ध्यान केन्द्रित रखना है। उन्होंने बताया की कंपनी भविष्य में बनने वाले अपनी किसी भी रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल परियोजना में कैप्टिव पावर प्लांट स्थापित नहीं करेगी तथा इसके बजाए सौर ऊर्जा जैसे नवीनीकरणीय स्त्रोतों से उत्पन्न 250 मेगावाट बिजली का उपयोग करेगी। उन्होंने कहा की हमारे पास राजस्थान में